Introduction भारत में टेलिकॉम सेवाओं की बढ़ती कीमतों और जबरदस्ती डेटा प्लान देने के चलते ग्राहकों में असंतोष बढ़ रहा है। इसी मुद्दे को हल करने के लिए टेलिकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने एक परामर्श पत्र जारी किया है। इस पत्र में पुराने वॉयस और एसएमएस-ओनली पैक को वापस लाने पर सुझाव मांगे गए हैं। वर्तमान समय में हर प्लान के साथ डेटा प्लान अनिवार्य कर दिया गया है, जिससे ग्राहकों को उन सेवाओं के लिए भुगतान करना पड़ रहा है जिनका वे उपयोग नहीं करना चाहते। आइए जानते हैं सरकार का नया प्लान और कैसे यह ग्राहकों के हित में काम करेगा।
जबरदस्ती डेटा देने की कोशिश
वर्तमान में बाजार में मौजूद सभी टैरिफ ऑफर वॉयस, डेटा, एसएमएस और ओटीटी सेवाओं के साथ आते हैं, जो कई उपयोगकर्ताओं की जरूरतों को पूरा नहीं करते। सरकार ने ग्राहकों को जबरदस्ती डेटा प्लान देने पर रोक लगाने के लिए एक योजना तैयार की है। ट्राई ने इस योजना पर सुझाव मांगे हैं। एक बड़े पैमाने पर उपयोगकर्ता वॉयस और एसएमएस प्लान चाहते हैं, जो उनकी मूलभूत जरूरतों को पूरा करते हैं।
ट्राई की नई पहल
ट्राई ने अपने परामर्श पत्र में यह स्पष्ट किया है कि ग्राहकों का आरोप है कि निजी टेलिकॉम कंपनियां उन्हें उन सेवाओं के लिए रिचार्ज करने के लिए मजबूर कर रही हैं जिनकी उन्हें आवश्यकता नहीं है। ट्राई ने दूरसंचार उपभोक्ता संरक्षण विनियम (2012) में सुधार की जरूरत पर विचार करने और मौजूदा प्रोडक्ट स्पेसिफिक सर्विस जैसे वॉयस, एसएमएस और डेटा टैरिफ प्लान में बदलाव को लेकर सुझाव मांगे हैं। साथ ही नए टैरिफ प्लान को लॉन्च करने पर जोर दिया है।
90 दिन वाले प्लान की मांग
ट्राई के कंज्यूमर सर्वे के मुताबिक, उपयोगकर्ताओं की मांग है कि स्पेशल टैरिफ वाउचर की वैलिडिटी पीरियड को बढ़ाया जाए। उपयोगकर्ता बार-बार रिचार्ज कराने की असुविधा से बचना चाहते हैं। इसके अलावा, ट्राई ने कलर कोडिंग का जिक्र किया है। पहले टॉप-अप के लिए हरा और कॉम्बो वाउचर के लिए नीला रंग उपयोग होता था, लेकिन इसे धीरे-धीरे बंद कर दिया गया है।
फीचर फोन यूजर्स की मजबूरी
2016 में 4G सर्विस लॉन्च होने के बाद, प्राइवेट टेलिकॉम कंपनियां बंडल पैक पेश करने लगीं, जो वॉयस और डेटा दोनों को एक साथ पेश करते थे। हालांकि, भारत में अभी भी करीब 300 मिलियन फीचर फोन उपयोगकर्ता हैं जो केवल कॉलिंग और मैसेजिंग की सुविधा चाहते हैं। इन उपयोगकर्ताओं पर जबरदस्ती डेटा का बोझ डालना अनुचित है। विशेषज्ञों का कहना है कि टेलिकॉम कंपनियां एआरपीयू बढ़ाने के लिए उपयोगकर्ताओं पर जबरदस्ती डेटा सर्विस का बोझ डाल रही हैं।
सरकार का नया प्लान
सरकार का नया प्लान ग्राहकों के हित में है। ट्राई के परामर्श पत्र के अनुसार, वॉयस और एसएमएस-ओनली प्लान को वापस लाने पर विचार किया जा रहा है। इससे उन ग्राहकों को राहत मिलेगी जो केवल बेसिक सेवाओं का उपयोग करना चाहते हैं। इसके अलावा, ट्राई ने टैरिफ प्लान की वैधता अवधि को बढ़ाने पर भी जोर दिया है, जिससे ग्राहकों को बार-बार रिचार्ज करने की आवश्यकता नहीं होगी।
उपयोगकर्ताओं की प्रतिक्रिया
ट्राई के इस कदम की उपयोगकर्ताओं ने सराहना की है। कई उपयोगकर्ताओं का मानना है कि इससे उन्हें केवल उन्हीं सेवाओं के लिए भुगतान करना पड़ेगा जिनका वे उपयोग करते हैं। साथ ही, फीचर फोन उपयोगकर्ताओं के लिए यह एक राहत की बात है कि उन्हें जबरदस्ती डेटा प्लान नहीं लेना पड़ेगा।
निष्कर्ष
ट्राई का यह कदम ग्राहकों के हित में है और इससे टेलिकॉम सेवाओं में पारदर्शिता बढ़ेगी। पुराने वॉयस और एसएमएस-ओनली पैक को वापस लाने से ग्राहकों को अपने अनुसार सेवाओं का चयन करने की स्वतंत्रता मिलेगी। इसके अलावा, टैरिफ प्लान की वैधता अवधि को बढ़ाने से ग्राहकों को बार-बार रिचार्ज करने की असुविधा से छुटकारा मिलेगा। यह देखना दिलचस्प होगा कि ट्राई के इस कदम का टेलिकॉम कंपनियों पर क्या प्रभाव पड़ता है और ग्राहक इसे कैसे अपनाते हैं।