झारखंड सरकार ने एक बड़ा कदम उठाते हुए ठेका कर्मचारियों के लिए नया वेतनमान लागू कर दिया है। इस नई नीति के तहत सभी स्तर के कर्मचारियों के वेतन में 30 फीसदी की वृद्धि की गई है, जो कि एक महत्वपूर्ण बदलाव है। यह नया वेतनमान 1 जुलाई से लागू होगा और इससे मजदूरों को प्रतिदिन की मेहनत का उचित मेहनताना मिलेगा।
नया वेतनमान
श्रमायुक्त झारखंड सरकार श्रम मंत्रालय ने ठेका कर्मचारियों का नया वेतनमान जारी किया है। इसके तहत विभिन्न स्तरों के कर्मचारियों को निम्नानुसार प्रतिदिन का वेतन मिलेगा:
- अति कुशल (हाइ स्किल्ड): 748 रुपये प्रतिदिन
- कुशल (स्किल्ड): 648 रुपये प्रतिदिन
- अर्ध कुशल (सेमी स्किल्ड): 491 रुपये प्रतिदिन
- अकुशल (अन स्किल्ड): 469 रुपये प्रतिदिन
मासिक वेतन
प्रतिदिन के वेतन के अनुसार, मासिक वेतन निम्नानुसार होगा:
- अकुशल कर्मचारी: 12,203 रुपये 36 पैसे प्रतिमाह
- अर्ध कुशल कर्मचारी: 12,784 रुपये 72 पैसे प्रतिमाह
- कुशल कर्मचारी: 16,853 रुपये 20 पैसे प्रतिमाह
- अति कुशल कर्मचारी: 19,467 रुपये 76 पैसे प्रतिमाह
मजदूर नेताओं की प्रतिक्रिया
मजदूर नेता और इंटक के प्रदेश अध्यक्ष राकेश्वर पांडेय ने इस वृद्धि पर खुशी जाहिर की है। उन्होंने कहा है कि मजदूरों को वाजिब हक इसी सरकार में मिल रहा है। इंटक नेता संजीव श्रीवास्तव ने भी इस कदम की सराहना की और इसे गरीब और मजदूरों के हित में उठाया गया बहुत ही महत्वपूर्ण कदम बताया।
ऐतिहासिक बढ़ोत्तरी
इस वेतन वृद्धि को ऐतिहासिक बताया जा रहा है क्योंकि अब तक के इतिहास में ठेका मजदूरों के वेतन में 30% तक की बढ़ोत्तरी कभी नहीं हुई है। इस कदम से साफ संकेत मिलता है कि राज्य की सरकार गरीब और मजदूरों के हित में काम करने के लिए संकल्पित है।
सरकार की प्रतिबद्धता
झारखंड सरकार का यह कदम मजदूरों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन, श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता और झारखंड के श्रम आयुक्त ने इस महत्वपूर्ण निर्णय में अपनी भूमिका निभाई है। मजदूर नेताओं ने इसके लिए सरकार का आभार प्रकट किया है और इसे मजदूरों के हित में एक महत्वपूर्ण निर्णय बताया है।
निष्कर्ष
झारखंड में ठेका मजदूरों के वेतन में 30 फीसदी की वृद्धि एक स्वागतयोग्य कदम है। इससे मजदूरों को उनकी मेहनत का उचित मुआवजा मिलेगा और उनके जीवन स्तर में सुधार होगा। यह निर्णय राज्य सरकार की मजदूरों के प्रति प्रतिबद्धता और संवेदनशीलता को दर्शाता है। मजदूरों और उनके परिवारों को इससे बड़ी राहत मिलेगी और उनका भविष्य उज्जवल होगा।