8th Pay Commission: सरकारी कर्मचारियों के लिए एक अच्छी खबर है कि केंद्र सरकार को 2024 के पूर्ण बजट से पहले आठवें वेतन आयोग का प्रस्ताव मिला है। 8वें वेतन आयोग का प्रस्ताव अब मोदी सरकार के समक्ष भेजा गया है, ताकि कर्मचारियों और पेंशनर्स के वेतन, भत्तों और पेंशन की समीक्षा हो सके।
यह आयोग केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बेसिक वेतन, भत्ते, पेंशन और अन्य लाभों की पुनरावलोकन करेगा। जुलाई के अंत में बजट पेश किया जाएगा, जिससे उम्मीद है कि सरकार बजट में 8वें वेतन आयोग पर विचार करेगी।
मोदी सरकार को मिला 8th Pay Commission का प्रपोजल
राष्ट्रीय परिषद कर्मचारी पक्ष के सचिव शिव गोपाल मिश्रा ने कैबिनेट सचिव को पत्र लिखकर 8वें वेतन आयोग के गठन की प्राथमिकता का आग्रह किया है। हर दस साल में एक केंद्रीय वेतन आयोग गठित किया जाता है, जो कर्मचारियों की वर्तमान वेतन संरचना का मूल्यांकन करता है। यह आयोग कर्मचारियों के भत्तों और लाभों की भी समीक्षा करता है और महंगाई जैसे कारकों के आधार पर आवश्यक सुधारों की सिफारिश करता है। केंद्रीय वेतन आयोग का उद्देश्य केंद्र सरकार के कर्मचारियों की वित्तीय स्थिति को सुधारना होता है। इस बार शिव गोपाल मिश्रा ने 8वें वेतन आयोग के गठन पर जोर दिया है, ताकि कर्मचारियों को लाभ मिल सके।
2024 के लोकसभा चुनाव के बाद, सरकारी कर्मचारियों की अधिकतम चिंता है, केंद्रीय वेतन आयोग का अद्यतन। मुद्रास्फीति की वृद्धि के साथ, आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। वेतन आयोग के सदस्य मिश्रा ने बताया कि कोविड के बाद मुद्रास्फीति में बढ़ोतरी हुई है। देशवासियों के लिए जीवन की आवश्यक चीजों की कीमतों में तेजी से वृद्धि हुई है। वस्तुओं की दुकानों में 80% से अधिक महंगाई की बढ़ोतरी हुई है, जो कि पिछले साल की तुलना में अधिक है। लगभग 50% महंगाई भत्ता बढ़ाया गया है।
ये होगा सैलरी स्ट्रक्चर?
मिश्रा ने वेतन मैट्रिक्स की समय-समय पर समीक्षा की सिफारिश की, इससे वेतन आयोग में बदलाव की जरूरत है। महंगाई के मद्देनजर निर्णय पर ध्यान देने की भी मांग की गई है। सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए डीए 1 जनवरी 2024 से 50% तक पहुंच गया है। लेकिन, 1 जनवरी 2004 के बाद भर्ती हुए लोगों के लिए सीसीएस (पेंशन) नियम में कोई सुधार नहीं किया गया। साथ ही, 8वें वेतन आयोग के सैलरी स्ट्रक्चर पर भी चर्चा होनी चाहिए।