कर्मचारियों को मिलेंगे 18 महीने के 2 लाख 18 हज़ार, बहुत बड़ी खुशखबरी DA Update

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DA Update: केंद्र सरकार ने एक करोड़ से अधिक कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए महंगाई भत्ता (डीए) और महंगाई राहत (डीआर) में 4% की वृद्धि की घोषणा की है। इस वृद्धि के बाद, डीए और डीआर की दर अब 50% पर पहुँच गई है। इस निर्णय से कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को महंगाई से कुछ राहत मिलेगी। यह वृद्धि आर्थिक संकट के समय में एक स्वागत योग्य कदम है। सरकार ने इसे जनहित में एक महत्वपूर्ण फैसला बताया है।

18 महीने के बकाये का मुद्दा

कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के मन में 18 महीने के बकाये को लेकर अब भी संदेह बना हुआ है। ऑल इंडिया डिफेंस एम्प्लॉइज फेडरेशन (एआईडीईएफ) और भारत रिटायर समाज जैसे संगठन इस मुद्दे को उठाकर जोर दे रहे हैं। वे सरकार से आग्रह कर रहे हैं कि कोरोना महामारी के दौरान रोके गए 18 महीने के बकाये का तुरंत भुगतान किया जाए। इन संगठनों का मानना है कि कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को उनका हक मिलना चाहिए। सरकार से अपील की जा रही है कि वे इस विषय पर गंभीरता से विचार करें।

सरकार का रुख

केंद्र सरकार ने बजट सत्र में बताया कि कई कर्मचारी संगठन बकाया डीए राशि जारी करने की मांग कर रहे हैं। लेकिन सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि 18 महीने का बकाया डीए नहीं दिया जाएगा। सरकार ने बताया कि यह धनराशि कोविड-19 के दौरान खर्च की गई थी और अब इसे वापस देना संभव नहीं है।

जनवरी 2020 से जून 2021 तक, सरकार ने 18 महीनों के लिए डीए और डीआर की तीन किश्तें रोक दी थीं। उस समय सरकार ने कहा था कि आर्थिक स्थिति खराब है। जनवरी 2020 में डीए 21% था, जो जुलाई 2020 में बढ़कर 24% और जनवरी 2021 में 28% हो गया था। लेकिन सरकार ने कर्मचारियों को केवल 17% का ही भुगतान किया।

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आर्थिक स्थिति और कर्मचारियों की मांग

अब जबकि देश की आर्थिक स्थिति में सुधार हो चुका है, कर्मचारी संगठनों का मानना है कि सरकार को 18 महीने का डीए बकाया देना चाहिए। उनका दावा है कि कोविड के दौरान आर्थिक स्थिति खराब थी, लेकिन वर्तमान में हालात पहले से कहीं बेहतर हो गए हैं। संगठनों का कहना है कि महामारी के समय कर्मचारियों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा।

अब जबकि स्थिति स्थिर हो चुकी है, वे अपने बकाया डीए की मांग कर रहे हैं। उनका मानना है कि इस कदम से कर्मचारियों को आर्थिक संबल मिलेगा और वे बेहतर कार्य कर पाएंगे। इस मांग पर जोर देते हुए संगठनों ने सरकार से जल्द से जल्द कार्रवाई की अपील की है।

संभावित कानूनी कार्रवाई

अगर कर्मचारी सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाते हैं, तो कोर्ट सरकार को अपने पिछले फैसलों के आधार पर रुके हुए डीए का भुगतान करने का आदेश दे सकता है। इस स्थिति में, हर कर्मचारी के खाते में 50 हजार रुपये से लेकर 2 लाख रुपये तक की राशि जमा हो सकती है, जो उनके मूल वेतन पर निर्भर करेगी।

हालांकि सरकार ने डीए/डीआर में 4% की वृद्धि की है, लेकिन 18 महीने के एरियर की समस्या अभी भी बरकरार है। कर्मचारी और पेंशनभोगी अपने अधिकारों के लिए सुप्रीम कोर्ट में अपील करने की तैयारी कर रहे हैं। यह मुद्दा भविष्य में केंद्र सरकार और कर्मचारियों के बीच एक महत्वपूर्ण विषय बना रह सकता है।

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सरकार और कर्मचारियों के बीच यह विवाद समय के साथ और भी जटिल हो सकता है। सुप्रीम कोर्ट का फैसला इस विवाद में निर्णायक भूमिका निभा सकता है।

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