जियो और एयरटेल की टैरिफ बढ़ोतरी: बीएसएनएल का फायदा या प्राइवेट कंपनियों की बड़ी गलती?

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हाल ही में जियो, एयरटेल और वोडाफोन आइडिया जैसी प्राइवेट टेलीकॉम कंपनियों ने अपने टैरिफ दरों में वृद्धि की है। इस कदम से बाजार में अचानक एक बदलाव देखने को मिल रहा है, जहां सरकारी टेलीकॉम कंपनी बीएसएनएल को अप्रत्याशित रूप से फायदा हो रहा है। कई ग्राहक अब सस्ते प्लान की तलाश में बीएसएनएल की ओर रुख कर रहे हैं। आइए जानें इस बदलाव के पीछे की वजहें और इसके प्रभावों को समझें।

बीएसएनएल की ओर ग्राहकों का रुख

टैरिफ दरों में बढ़ोतरी के बाद बीएसएनएल को काफी नए ग्राहक मिल रहे हैं। 3-4 जुलाई से बीएसएनएल ने लगभग 2.5 लाख पोर्टिंग अनुरोध प्राप्त किए हैं और 25 लाख नए कनेक्शन जोड़े हैं। बीएसएनएल के अधिकारियों का कहना है कि उनके किफायती प्लान्स के चलते उन्हें नए ग्राहक मिल रहे हैं। यह विशेष रूप से कम आय वर्ग के लोगों के बीच लोकप्रिय हो रहे हैं, जो अभी भी बीएसएनएल के प्लान को अधिक किफायती मानते हैं।

प्राइवेट कंपनियों द्वारा दामों में बढ़ोतरी

प्राइवेट टेलीकॉम कंपनियों ने अपने टैरिफ में 11% से 25% तक की वृद्धि की है। उदाहरण के लिए, एयरटेल और वोडाफोन के 28 दिनों वाले सबसे सस्ते प्लान की कीमत अब 199 रुपये हो गई है, जबकि जियो का प्लान 189 रुपये में उपलब्ध है। इसके मुकाबले, बीएसएनएल का ऐसा ही प्लान केवल 108 रुपये में मिलता है। बीएसएनएल के पास 107 रुपये से 199 रुपये तक के विभिन्न सस्ते प्लान हैं, जो उन्हें प्राइवेट कंपनियों के मुकाबले अधिक किफायती बनाते हैं।

ग्राहकों को बनाए रखने की चुनौती

हालांकि बीएसएनएल के प्लान सस्ते हैं, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि ग्राहकों को बनाए रखने के लिए नेटवर्क और सेवाओं की गुणवत्ता महत्वपूर्ण है। बीएसएनएल के पास अभी तक 4G सेवाएं पूरी तरह से उपलब्ध नहीं हैं, जिससे ग्राहकों को बनाए रखना उनके लिए एक बड़ी चुनौती हो सकती है। एक विश्लेषक के अनुसार, कम कीमत के प्लान्स के कारण कुछ लोग बीएसएनएल की ओर रुख कर सकते हैं, लेकिन ये बदलाव अस्थायी हो सकते हैं।

बीएसएनएल में ग्राहक संख्या का अस्थायी होना

विशेषज्ञों का कहना है कि बीएसएनएल में ग्राहकों की संख्या में वृद्धि अस्थायी हो सकती है। किसी भी कीमत बढ़ोतरी के बाद ऐसा होना स्वाभाविक है। यह केवल अस्थायी प्रभाव है और प्राइवेट कंपनियों की कमाई पर इसका कोई महत्वपूर्ण प्रभाव नहीं पड़ेगा। ICRA के सेक्टर हेड अंकित जैन के अनुसार, प्राइवेट कंपनियों के दाम बढ़ने से ग्राहकों के बिल जरूर बढ़ेंगे, लेकिन इससे बीएसएनएल का रुख करने वाले ग्राहकों की संख्या अपेक्षाकृत कम होगी।

दूरसंचार मंत्री को शिकायत

बीएसएनएल के कर्मचारी यूनियन ने दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को शिकायत की थी कि टैरिफ बढ़ोतरी से आम आदमी को कठिनाई होगी। यूनियन ने बताया कि पहले बीएसएनएल बाजार में कीमतों को नियंत्रित करता था, लेकिन 4G और 5G सेवाओं की कमी के कारण अब वह प्रतिस्पर्धा में पीछे हो गया है।

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निष्कर्ष

जियो और एयरटेल द्वारा टैरिफ बढ़ोतरी के बाद बीएसएनएल को नए ग्राहकों की संख्या में वृद्धि देखने को मिल रही है, लेकिन यह वृद्धि अस्थायी हो सकती है। ग्राहकों को लंबे समय तक बनाए रखने के लिए बीएसएनएल को अपनी सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार करना होगा। अन्यथा, प्राइवेट कंपनियों की ऊंची दरों के बावजूद, ग्राहक वापस उन्हीं कंपनियों की ओर रुख कर सकते हैं। बीएसएनएल के लिए यह एक महत्वपूर्ण समय है, जहां उन्हें अपनी सेवाओं को उन्नत करने की आवश्यकता है ताकि वे बाजार में अपनी पकड़ मजबूत कर सकें।

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