Ration Card Update: क्या आप भी राशन कार्ड से हर माह लेते हैं फ्री अनाज? सरकार उठा रही कड़ा कदम… तत्काल सुधार लें ये गलती

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मध्यप्रदेश में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) के तहत निशुल्क खाद्यान्न के वितरण में सुधार के लिए सरकार ने स्मार्ट पीडीएस व्यवस्था लागू करने का निर्णय लिया है। इस नई व्यवस्था के तहत उपभोक्ताओं के डेटा को केंद्र सरकार के सॉफ्टवेयर से लिंक किया जाएगा और खाद्यान्न ले जाने वाले वाहनों की निगरानी के लिए कमांड एंड कंट्रोल सेंटर भी बनाया जाएगा। आइए जानते हैं इस नई व्यवस्था के बारे में विस्तार से।

स्मार्ट पीडीएस: एक परिचय

स्मार्ट पीडीएस (Public Distribution System) प्रणाली का उद्देश्य खाद्यान्न वितरण की प्रभावशीलता में सुधार लाना है। इसके तहत प्रदेश के उपभोक्ताओं का डेटा केंद्र सरकार के सॉफ्टवेयर में लिंक किया जाएगा ताकि अपात्र लोग इस सुविधा का लाभ न उठा सकें।

केंद्र के सर्वर में अपलोड होगा डेटा

केंद्र सरकार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत निशुल्क खाद्यान्न उपलब्ध कराने के लिए एक लाख करोड़ रुपये से अधिक व्यय कर रही है। इस योजना का लाभ केवल पात्र लोगों को ही मिले, इसके लिए उपभोक्ताओं का सत्यापन कर उन्हें आधार से लिंक किया जाएगा। अब तक राज्य सरकार का अपना सॉफ्टवेयर और सर्वर उपयोग में था, लेकिन अब केंद्र सरकार के सॉफ्टवेयर का उपयोग किया जाएगा और डेटा केंद्र के सर्वर में अपलोड होगा।

दो जगह नाम होने पर एक जगह कटेगा

स्मार्ट पीडीएस प्रणाली के तहत, जिन उपभोक्ताओं के नाम दो जगह दर्ज होंगे, उन्हें आसानी से पहचाना जा सकेगा। ऐसे मामलों में, सत्यापन के बाद एक जगह से नाम हटाकर दूसरे पात्र व्यक्ति का नाम जोड़ा जाएगा। इससे डुप्लीकेट रिकॉर्ड्स की समस्या का समाधान होगा और डेटा अपलोड करने में भी सुविधा होगी।

खाद्यान्न ले जाने वाले वाहनों की निगरानी

खाद्यान्न ले जाने वाले वाहनों की निगरानी के लिए कमांड एंड कंट्रोल सेंटर बनाया जाएगा। इस सेंटर से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि वाहन निर्धारित मार्ग से ही खाद्यान्न लेकर जा रहे हैं और उन्हें कहीं अनावश्यक रूप से नहीं रोका गया है। इससे खाद्यान्न वितरण में पारदर्शिता और प्रभावशीलता बढ़ेगी।

स्मार्ट पीडीएस के लाभ

  1. पारदर्शिता में वृद्धि: सभी डेटा केंद्र सरकार के सॉफ्टवेयर में अपलोड होने से वितरण प्रणाली में पारदर्शिता बढ़ेगी।
  2. डुप्लीकेट रिकॉर्ड्स की पहचान: उपभोक्ताओं के नाम दो जगह दर्ज होने की स्थिति में उन्हें आसानी से पहचाना जा सकेगा और सुधार किया जा सकेगा।
  3. लाइव ट्रैकिंग: खाद्यान्न ले जाने वाले वाहनों की लाइव ट्रैकिंग से वितरण प्रक्रिया की निगरानी बेहतर होगी।
  4. प्रभावशीलता में सुधार: स्मार्ट पीडीएस प्रणाली वितरण की प्रभावशीलता में सुधार लाएगी, जिससे पात्र लोगों को समय पर खाद्यान्न मिल सकेगा।

केंद्र और राज्य सरकार का सहयोग

इस नई प्रणाली को लागू करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार दोनों मिलकर काम कर रहे हैं। खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग का कहना है कि बजट में सार्वजनिक वितरण प्रणाली को सुदृढ़ बनाने के लिए दस करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि स्मार्ट पीडीएस प्रणाली बिना किसी बाधा के प्रभावी रूप से लागू हो सके।

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निष्कर्ष

स्मार्ट पीडीएस प्रणाली के लागू होने से मध्यप्रदेश में खाद्यान्न वितरण प्रणाली में सुधार होगा। इस नई व्यवस्था से पारदर्शिता, प्रभावशीलता और निगरानी में वृद्धि होगी, जिससे अपात्र लोग इस योजना का लाभ नहीं उठा सकेंगे और पात्र लोगों को समय पर खाद्यान्न मिल सकेगा। यदि आपके राशन कार्ड में कोई गलती है, तो तत्काल सुधार कर लें ताकि इस नई प्रणाली का लाभ उठा सकें।

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