महंगाई भत्ता (DA) में बदलाव : जुलाई 2024 से केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ता (DA) की गणना में महत्वपूर्ण बदलाव किए जाएंगे। वर्तमान में, उन्हें 50% महंगाई भत्ता मिलता है, लेकिन नए नियमों के अनुसार, यह शून्य से गणना होगी। इसका मतलब यह है कि मौजूदा 50% महंगाई भत्ता उनके मूल वेतन में शामिल हो जाएगा और नई गणना की जाएगी। इस बदलाव से वेतन में वृद्धि होगी। उदाहरण के लिए, जिन कर्मचारियों की मौजूदा मूल वेतन 8000 रुपये है, उनकी सैलरी 17000 रुपये हो जाएगी।
वेतन में वृद्धि का प्रभाव
महंगाई भत्ते की नई गणना के कारण, केंद्रीय कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी में 9000 रुपये की वृद्धि होगी। जिन कर्मचारियों की मौजूदा मूल वेतन 8000 रुपये है, उनकी सैलरी 17000 रुपये हो जाएगी। इसी प्रकार, 20000 रुपये के मूल सैलरी वाले कर्मचारी की सैलरी 37000 रुपये हो जाएगी, क्योंकि उनके मूल वेतन में 50% महंगाई भत्ता जोड़ा जाएगा।
महंगाई भत्ते की गणना का तरीका
महंगाई भत्ते की गणना अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (AICPI) के आधार पर की जाती है, जिसे श्रम ब्यूरो हर महीने के अंतिम कार्य दिवस पर जारी करता है। वर्तमान में जनवरी 2024 के आंकड़ों के अनुसार महंगाई भत्ता 50.8% है, जिसे 51% तक बढ़ाया जाएगा। हालांकि, फरवरी और मार्च 2024 के आंकड़े समय पर जारी नहीं किए गए हैं, जिससे महंगाई भत्ते की गणना को लेकर अनिश्चितता है। जुलाई में अंतिम आंकड़े आने पर ही तय होगा कि महंगाई भत्ते की गणना शून्य से शुरू होगी या 50% तक बढ़ जाएगी। यह निर्णय सरकार पर निर्भर करेगा।
पुरानी पेंशन योजना 2024
सरकारी कर्मचारियों के लिए पेंशन एक महत्वपूर्ण लाभ है। हिमाचल प्रदेश में कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ मिलता था, जिसे 2003 में बंद कर दिया गया था। हालांकि, कर्मचारियों की मांग के कारण इसे फिर से शुरू किया गया है।
ओल्ड पेंशन स्कीम वापसी
हिमाचल प्रदेश की सुक्कू सरकार ने 2023 में अपने चुनावी वादे के अनुरूप ओल्ड पेंशन योजना को पुनः लागू किया है। इस योजना के तहत सरकारी कर्मचारी अपनी सेवा निवृत्ति के बाद अपने मूल वेतन का आधा हिस्सा पेंशन के रूप में प्राप्त कर सकेंगे। यह योजना वर्तमान में कार्यरत कर्मचारियों के साथ-साथ पहले से ही सेवा निवृत्त हो चुके कर्मचारियों के लिए भी लागू होगी।
लाभार्थियों की संख्या और पात्रता मापदंड
हिमाचल प्रदेश सरकार के अनुमान के मुताबिक इस योजना से 1.30 लाख से ज्यादा पूर्व कर्मचारियों को फायदा होगा। कर्मचारियों को अपने विभाग प्रमुख के कार्यालय में एक महीने के भीतर यह निर्णय लेना होगा कि वे इस योजना का लाभ लेना चाहते हैं या नहीं। ओल्ड पेंशन योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए कर्मचारी को कम से कम 10 वर्ष की सेवा पूरी करनी होगी। अब कांट्रैक्ट आधार पर की गई सेवा को भी गिना जाएगा, जो पहले नहीं होता था।
महत्त्वपूर्ण मेमोरेंडम
हिमाचल प्रदेश के वित्त विभाग के प्रमुख श्री देवेश कुमार ने इस योजना को लागू करने के लिए एक महत्त्वपूर्ण मेमोरेंडम जारी किया है, जिसे सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के आधार पर जारी किया गया है। इसमें सभी पात्र कर्मचारियों को इस योजना का लाभ मिलेगा।
निष्कर्ष
यह जानकारी केंद्रीय कर्मचारियों और हिमाचल प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है और उनके भविष्य को सुरक्षित करने में मदद करेगी। वेतन में वृद्धि और पुरानी पेंशन योजना की वापसी से कर्मचारियों को आर्थिक स्थिरता और भविष्य की सुरक्षा मिलेगी। यह बदलाव उनकी जीवनशैली में सुधार और अधिक वित्तीय स्वतंत्रता प्रदान करेगा।